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Chandika Devi (Kothi, Kalpa, Temple)

चण्डिका देवी कोठी कल्पा-कोठी गांव रिकांग-पिओ और कल्पा के मध्य बसा है। मंदिर का मुख्य आकर्षण केंद्र देवी का विशाल रथ है। यह रथ मंदिर के भीतर रखा रहता है। इस पर माता की सोने की प्रतिमाएं सुसज्जित रहती हैं। चण्डिका देवी का दूसरा नाम शुवांग चण्डिका भी है। चण्डिका किन्नौर की शक्तिशाली और धनी देवी है। धारणा है कि यह देवी बाणासुर के अट्ठारह पुत्र-पुत्रियों में से एक है। बाणासुर ने हिरमा राक्षसी से विवाह किया था।

 

जिससे ये पुत्र-पुत्रियों उत्पन हुए थे। बाद में इन पुत्र-पुत्रियों ने किन्नर प्रदेश को आपस में बांट दिया था। देवी चण्डिका ने अपने पराक्रम से इस क्षेत्र में अपना प्रभाव जमा था।कोठी किन्नौर का सबसे प्राचीन गांव है। स्थानीय लोग इसे कोष्ठम्पी के नाम से ही जानते हैं। 2104 मीटर से 2,905 मीटर की ऊंचाई वाली ढलानों के मध्य बसा यह पिओ बाजार से लगभग डेढ़ किलोमीटर ऊपर स्थित है।

 

कोठी सम्पूर्ण किन्नौर में देवी चण्डिका के कारण प्रसिद्ध माना जाता है। चण्डिका के मन्दिर के दरवाजे के दोनों तरफ लघु कक्षों में प्रतिमाएं हैं। दाईं तरफ सूर्य की प्रतिमा है और किन्नर-कैलाश बिलकुल सामने हैं। जब सूर्य उदय होता है तो पहली किरण इस प्रतिमा पर पड़ती है। मन्दिर सतलुज घाटीय शैली का मिश्रित रूप और कला का सजीव उदाहरण है। तल से शिखर तक लकड़ी पर सुन्दर नक्काशी की गई है जिसे रंगों से सजाया गया है। शिखर पर बड़ा गुम्बंद है।

 

दो मंजिले इस मंदिर के गर्भभाग में देवी चण्डिका का विशाल रथांग को सजाते समय उस पर लगाया जाता है। किन्नौर में इसे सर्वाधिक शक्तिशाली और सम्पन्न देवी माना जाता है। सालाना-पूजा देवी का प्रमुख तयौहार है। इस पूजा का दिन देवी का ग्रोकच देवी शक्ति से तय करता है। कभी यह साल में दो बार भी तय हो जाता है। इस दिन देवी की पूजा होती है। देवी को बकरे की बलियां देते हैं। देवी को प्रसन्न किया जाता है ताकि वह लोगों के जान-माल की रक्षा करे।

 

डकरेणी- यह दूसरा प्रमुख मेला है जो प्रति वर्ष सावन मास में आयोजित होता है। पशु बलि यहां पर वर्जित है। देवी चण्डिका को बाहर रथांग के रूप में निकला जाता है और गांव के लोग उसके चारों ओर नाचते हैं। कण्डे से फूल देवी को चढ़ाए जाते हैं। जिनके घर में एक वर्ष के भीतर कोई मृत्यु हुई हो वे लोग कण्डे पर जाकर पितरों की याद में गड़रियों को फल और भोजन देते हैं। मृत आत्मा शांति के लिए एक सफेद झंडा गाड़ा जाता है।  

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My name is Toshiba Anand. I am a content writer, traveller & music lover. I enjoy to dance, watch movies, comedy videos, listen punjabi songs. I am here to spread the word about Himachal Pradesh and my district Mandi.

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