किनौर के अधिकतर क्षेत्र में लामा ही धार्मिक अनुष्ठानों को निपटाते हैं। कहीं-कहीं ब्राम्हण भी हैं। जहाँ लामा और ब्राम्हण उपलभद नहीं होते वहां प्रत्येक संस्कार देवता के भक्त ही निपटाते हैं। लामाओं का प्रभाव ऊपरी किन्नौर (पूह क्षेत्र) में अधिक है। लामा को साधरणतय दो भागों में बांटा जा सकता है। पहले भिक्षु और दूसरे साधारण लामा। भिक्षु तमाम उम्र गृहस्त आश्रम से दूर रहते हैं तथा नियमित व्रत और धार्मिक अनुष्ठान करते रहते हैं। साधारण लामा विवाह करके गृहस्ती चलाते हैं। किन्नौर में महायान बौद्ध धर्म अधिक प्रचलित है। इसके यहां तीन मुख्य उप-सम्प्रदया हैं। पहला "गेलुक्पा" अथवा "ग्येलुक्पा" कहलाता है। इनका स्थान सर्वोच्च माना जाता हैं ये पीले वस्त्र पहनते हैं इन लामाओं के कई स्तर माने जाते हैं। दूसरा वर्ग "डुक्पा क्जुपा" कहलाता है और तीसरा "निरमापा" या "नीड़मा" | ये दोनों वर्ग /सम्प्रदाय विवाहित जीवन व्यतीत करते हैं। इस वर्ग के लामा लाल वस्र पहनते हैं किन्नौर में ठाकुरों की वे लड़कियां जो विवाह नहीं करती अपना सारा समय अध्ययन में लगाकर "जोमो" या "भिक्षुणी" बन जाती हैं। वः मठों में रहती हैं। इसी तरह जो लड़के विवाह नहीं करते और तमाम उम्र बौद्ध साहित्य पढ़ने में लगा देना चाहते हैं वः भिक्षु बन जाते हैं।
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Lama Dharm
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Culture & Beliefs about (~10/10)
Losar Boddh (लोसर बौद्ध) Kinnaur
लोसर-बौद्ध-बौद्ध परम्परागत यह नव वर्ष का त्यौहार है। यह पूह क्षेत्र में मनाया जाता है। दिसंबर मास के अंत में मनाए जाने वाले इस त्यौहार को...
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किनौर के अधिकतर क्षेत्र में लामा ही धार्मिक अनुष्ठानों को निपटाते हैं। कहीं-कहीं ब्राम्हण भी हैं। जहाँ लामा और ब्राम्हण उपलभद नहीं होते वहां...
Religion

As stated above, the people of lower Kinnaur are mostly Hindus, though some references of Buddhism is also evident.
Monasticism

Kanet boys, who learn the Tibetan scriptures and are well versed in Buddhist doctrines, are called Lamas.
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